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अगर ऊँची उड़ान भरने का है ज़द
तो फिर न देख तू आसमाँ का क़द..
परिंदो से भी भर ऊँची उड़ान तू
फिर देख तू अपने पँखों की हद..
ज़िंदगी में तो आते हैं जज़्र-ओ-मद
लेकिन तुझे चलना है उम्र-ए-अबद..
पर साथ ही रहे तुझे हमेशा ये सनद
करना हमेशा तू दूसरों की मदद..
देखना होगा चारों ओर तेरा नाम
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