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जिस रात ख़्वाबों में तेरा दीदार हो जाता है
उस रात को सोना वाकई दुश्वार हो जाता है..
यार ये तेरा कैसा सुरूर है ये कैसा प्यार है
मेरी आँखों में न नींद है न दिल में क़रार है..
तेरी झलक पाने को मैंने ज़िंदगी दी गुज़ार है
मुझ पर चढ़ा कुछ इस तरह तेरा ही ख़ुमार है..
तेरी एक आवाज़ सुनने को ये
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