Share0 Bookmarks 207959 Reads2 Likes
कभी किसी के सामने खुल कर रोया नहीं
क्योंकि आज तक अपना यार था खोया नहीं..
पर जब वो बिछड़ा अब सुकून से क्या रिश्ता
अब सिर्फ़ जागता हूँ कई रातों से सोया नहीं..
मैं उसे दिल-ओ-जान से मोहब्बत करता था
पर जज़्बातों को लफ़्ज़ों में कभी पिरोया नहीं..
लोग कहते है कि मेरा दिल पत्थर का हो गया
मैंने लोगों के सामने कभी पलकों को भिगोया नहीं..
दिल-ए-मुज़्तर को उसके ख़्य
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments