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जब से देखा है ज़िंदगी को इतने पास से
तमाम चेहरे लगने लगे हैं बहुत ख़ास से
पर मैं अब अपना ही चेहरा छिपाता हूँ
चेहरे पर चेहरा चढ़ा सबको दिखाता हूँ
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जब से देखा है ज़िंदगी को इतने पास से
तमाम चेहरे लगने लगे हैं बहुत ख़ास से
पर मैं अब अपना ही चेहरा छिपाता हूँ
चेहरे पर चेहरा चढ़ा सबको दिखाता हूँ
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