
सुबह सी मस्त शाम सी रंगीली
सबसे अनूठी है बिरज की होली
होली खेले राधा संग बांके बिहारी
बरसाए अबीर, गुलाल और रोली
सबसे अनूठी है बिरज की होली..!!
चारों ओर रंगों से सराबोर जनजन
गोपी भिगोएँ गोपियों की चोली
सबसे अनूठी है बिरज की होली..!!
झोली भर गुलाल फेंके भाभी पर
देवर करे भाभी संग हंसी-ठिठोली
सबसे अनूठी है बिरज की होली..!!
नंदलाला बन बाल मारे पिचकारी
रंग-बिरंगी हुई सूरत जो थी भोली
सबसे अनूठी है बिरज की होली
वृन्दावन की इन कुंज गलियन में
फाग गाते घूमे मस्तानों की टोली
सबसे अनूठी है बिरज की होली..!!
पीकर भांग का प्याला जमा रहे रंग
घाट-घाट घूमे ऐसे जैसे धरती है डोली
सबसे अनूठी है बिरज की होली..!!
बरसाना नंदगांव मस्ती में झूम रहे
फ़िज़ाओं में फागुन की मस्ती घोली
सबसे अनूठी है बिरज की होली..!!
गली से गुज़रते हुए एक गोपी बोली
ओ साँवरे ऐसे न देंगे जाने तुझको
कितनी भी हो क्यों न सूरत भोली
सबसे अनूठी है बिरज की होली
सबसे अनूठी है बिरज की होली..!!
#तुष्य
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