
Share0 Bookmarks 74 Reads3 Likes
युद्ध में
कोई जीते कोई हारे
सिसकती है बेबस मानवता
कलिंग जीतकर भी
हार जाता है जब कोई सम्राट अशोक
रक्त रंजित धरा से
मुड़ता है अनायास
अहिंसा परमो धर्म का
जयघोष करते हुए
युद्ध त्याग
पराए दुखों से
भर लेता है अपना भिक्षा पात्र
बोध लिया है
प्रेम ही है दुखों का अंत उपाय
संस्कृति बचाने को
युद्ध नही
बुद्ध ही है
आखिरी विकल्प
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments