Share0 Bookmarks 49012 Reads0 Likes
इश्क की चिंगारी
मैं कवयित्री हूँ
सुन लेती हूँ..
हवा की पत्तों से बातचीत।
महसूस कर लेती हूँ...
शजर की व्यथा।
देख लेती हूँ...
कश्ती में ठहरा हुआ जीवन।
ख्यालों के आगोश में...
बहने लगती हूँ..
शोख चंचल लहरों के संग।
आज तेरे तसव्वुर का पैरहन ओढ़कर
कोरे पन्ने पर...
इज़हार-ए-इश्
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments