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जब कभी अलाव
के पास बैठता हूँ,
अनायास ही याद आता है
एक बारहमासी अलाव
मेरे भीतर भी जलता है,
जलावन से आती ,
चट-चट की ध्वनि
प्रतिनिधित्व करती है
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जब कभी अलाव
के पास बैठता हूँ,
अनायास ही याद आता है
एक बारहमासी अलाव
मेरे भीतर भी जलता है,
जलावन से आती ,
चट-चट की ध्वनि
प्रतिनिधित्व करती है
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