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कभी बैठों मेरे पास तुम्हे बताऊं मैं
दिल पर लगी चोटे तुम्हे गिनाऊँ मैं
चल सकोगे कँहा तक साथ मेरे
तुम कहो तो यही ठहर जाऊँ मैं
जिसे देखो वो अलग राह दिखाता है
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कभी बैठों मेरे पास तुम्हे बताऊं मैं
दिल पर लगी चोटे तुम्हे गिनाऊँ मैं
चल सकोगे कँहा तक साथ मेरे
तुम कहो तो यही ठहर जाऊँ मैं
जिसे देखो वो अलग राह दिखाता है
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