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बिखरे एहसास

Divya SahuDivya Sahu March 19, 2023
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तुमसे बिछड़ कर जो गिरे तो उठने में हमे जमाने बहुत लगे के इस दिल को कतरा कतरा हम जलाने बहुत लगे तुम तो मसरूफ हो गए अपनी दुनिया मे और हम रोते हुए भी मुस्कुराने बहुत लगे। 

          तुमने भी फेर ली है निगाहे हमसे अगर जाना तो हम भी अब गैरो से निगाहे मिलाने बहुत लगे। एक बार बोल देते आंखों में आंखे डाल कर, की हमसे दूर जाने में तुम्हे बहाने बहुत लगे।

            तुम ये मत समझना कि तुम्हारे गम में हम बिखर जाएंगे क्यों कि तुम्हारी यादों को अब हम मिटाने बहुत लगे।


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