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दर्द ये भी एक दिन गुज़र जाएगा आंसुओ से सींचते सींचेते ये दिल भी एक दिन मर जाएगा ।
बेपरवाही की चादर ओढ़े हर शख्स आंखों से उतर जाएगा
किसी दिन उलझे हुए इस दिल को भी थोड़ा सबर आएगा ।आंखों से धूल जो हटेगी तो छिपा चेहरा भी नजर आएगा ।
हर सिमटा लम्हा हाथों से छूट पलो में बिखर जाएगा ।
ये घूंट जो गले मे स्याह हो गया है ये जहर जिस्मो जान में उतर जाएगा ।
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