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मेने अपने अलावा हर किरदार को अहमियत दी
ज़माने से नही, खुद से नाराज़ होने लगा
कोई समझ ना सके कुछ ऐसी कहानी बन ने लगा
आग का नहीं, डर का एक समंदर है यहां
बेबसी का मंज़र है, बंजर ज़मीन में मेरा घर है
कभी फुर्सत लेके आना ,
यहां हर चीज टूटी नज़र आएगी
मेरी कहानी शायद तुम्हे अपनी नज़र आएगी
मेने अपने अलावा हर किरदार को अहमियत दी
कहानी हमारी है ,ये हम भूल जाते है
खुद को खो कर कही दूर चले जाते है
रूह चीखती है पर इस भीड़ में
किसी क
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