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दूर तक ख्वाबों में फैली रौशनी को देखिये
और वो कहती है केवल इक उसी को देखिये
क्या कभी देखा है दुनिया में किसी शैतान को
हो सके इस मरतबा बस आदमी को देखिये
बेख़ुदी में नाम उनका ले रहा हूँ बार बार
होश कितना है हमारी बेख़ुदी को देखिये
साथ
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