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कभी थोड़ी, कभी ज्यादा

Dinesh GirirajDinesh Giriraj March 28, 2023
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कभी थोड़ी , कभी ज्यादा भी होती है

बात तो बात है , होती है तो होती है..

कभी जुबां , ख़ामोश भी होती है 

बात तो बात है , होती है तो होती है..

न जानें तन्हाई में आँखें , क्यूं नम सी होती है

बात तो बात है , होती है तो होती है..

दुःख में सुखः की , आहट भी छिपी होती है

बात तो बात है , होती है तो होती है..

संघर्ष भरे रास्तों पर , चुनोतियाँ भी होती है

बात तो बात है , होती है तो होती है..

कभी थोड़ी , कभी ज्यादा भी होती है।

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