सरगोशियों में बात करना
गुमसुम
चुपचाप
खामोशी में लिपटी फिज़ा
में रहना अच्छा लगता
क्या कैफियत थी दिल की
तेरे जाने के बाद
तेज़ रोशनी के कुमकुमे
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