
अगर मैं तुम्हें कभी पत्र लिखूं
तो तुम उसे अपने सीने से लगा कर
होंठों से चूम लेना
वो पत्र तुम्हारे सीने और होंठों
की छुअन से इस प्रकार खिल
जाएगा जैसे मां के द्वारा सीने से
लगाए जाने पर खिल उठते हैं
रोते हुए बच्चे
हां तुम उस पत्र का जवाब जरूर देना
साथ ही पत्र भेजते समय उस पत्र के
साथ तुम अपने अहसास भेजना
जो तुमने इतने दूरी के दिनों में
महसूस किया हैं
तुम वो यादें भी भेजना
जो तुम्हें मुझसे दूर रहने पर
सताती हैं
वो दु:ख भी भेजना जो तुमने
मेरे लिए सहा है
वो रातें भी भेजना जो तुमने मेरे
बगैर गुजारी है
वो दिन भी भेजना जो तुमने मेरे
लिए मेरी यादों में काटा है
वो गीत भी भेजना जो तुम मेरे
लिए गुनगुनाती हो
साथ ही साथ तुम अपनी वो
खूबसूरत तस्वीरें, बावली बातें और
एक प्यारी सी मुस्कान भी
मेरे पास भेजना ताकि तुम्हारी
तस्वीरों को छू कर तुम्हे महसूस
कर सकूं
तुम्हारी बावली बातों को सुनकर
पागलों की तरह हस सकूं
और तुम्हारी प्यारी सी मुस्कान को
अपने होंठों से लगा लूं
ताकि मेरे होंठों पर भी तुम्हारी
तरह ही मुस्कान आ सके...!
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