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है यह घनघोर अंधियार;
निकल जायेगा,
रख हौसला तेरा सूरज
भी खिल जाएगा ।
तेरी अनन्त सीमाओं को
यदि तू जान जाएगा,
तेरी एक दहाड़ से
ये संसार हिल जाएगा
रख हौसला तेरा सूरज
भी खिल जाएगा ।
रख हौसला तेरा सूरज
भी खिल जाएगा ।
कवि ~दिलीप सिंह परमार
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