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सच्चाई को हम
दबा सकते हैं, छुपा सकते हैं,
यहाँ तक की हम उसे झूठा भी साबित कर सकते हैं।
पर कब तक?
वो एक दिन जरूर सबके सामने आती है।
सच्चाई जीवन की वो कड़ी है,
जिसका सामना हर इंसान को करना पड़ता है।
~Dk Megh..
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