Share0 Bookmarks 208400 Reads0 Likes
इक खुशियो का कमरा है मैं आज भी जहां रहती हूँ...
हसीन सारे पल मैं वही संजोए रखती हू
शाम की चाय पर जहां बातें होती थी
रातें हमारी साथ गुज़रती थी
ये सब वही है...और मैं भी वही रहती हू
इक खुशियो का कमरा है मैं आ
हसीन सारे पल मैं वही संजोए रखती हू
शाम की चाय पर जहां बातें होती थी
रातें हमारी साथ गुज़रती थी
ये सब वही है...और मैं भी वही रहती हू
इक खुशियो का कमरा है मैं आ
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments