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सोच और आसमान
जैसे आसमान का अंतर नहीं,
वैसे ही सोच अनंत है
जैसे आसमान में शांत सफेद बादल है,
वैसे ही मनुष्य में प्रगतिशील सोच है
आसमान में जैसे काले बादल है ,
वैसे मनुष्य में विध्वंसक सोच है
आसमान में बादल वातावरण बदल सकता है ,
वैसे ही मनुष्य में उसकी सोच उसे बदल सकती है
दोनों में फर्क बस इतना है,
आसमान यह नहीं चुन सकता कि उसे कैसे बादल चाहिए,
लेकिन मनुष्य चुन सकता है कि उसे किस तरह कि सोच चाहिए।।
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