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तेरे ख्वाबों के सहारे

Dhirendra PanchalDhirendra Panchal January 17, 2022
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तेरे ख्वाबों के सहारे ,
चलती कश्ती ये किनारे ,
ऊपर से दरिया का पानी बेहिसाब ।
अब तो मंजिल तुझको पाना ,
तेरी चाहत में खो जाना ,
अफ़साना कहती है दिल की ये किताब ।
तेरे ख्वाबों के सहारे ,
चलती कश्ती ये किनारे ,
ऊपर से दरिया का पानी बेहिसाब ।

तेरा रूठना और मनाना,
कर देगा मुझको मनमाना ,
जुगनू बन लूटेंगे हम भी आफ़ताब ।
शाकी बन समझाने आजा ,
दिल का दर्द मिटाने आजा ।
झड़ते मोत

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