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ताना मारे मेहरी गारी देवेले भउजाई ,
बोला कहवां जाइं ।
अनपढ़ हमसे करें ढिठाई ,
बोला कहवां जाइं ।
प्यार के प ना जनलीं कब्बो गइनी ना मधुशाला हो ।
करिया अक्षर करिए रह गइल दौड़ीं रोज शिवाला हो
सावन हव भकसावन लागे बुन्नी जस मरचाई ।
बोला कहवां जाइं ।
अनपढ़ हमसे करें ढिठाई ,
बोला कहवां जाइं ।
गंगा के समझउता दंगा कइले बा मझधार हो ।
का
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