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सुखि गइलें पोखरा आ जर गइलें टपरी , ए बदरी ।
कउना बात पे कोहाइ गइलू ए बदरी ।
देखा पेड़वा झुराई गइलें ए बदरी ।
बनरा के पेट पीठ एक भइलें घानी ।
कहा काहें होत बाटे राम मनमानी ।
गोरुअन के बेटवा क पेटवा ह खपरी , ए बदरी ।
कउना बात पे कोहाइ गइलू ए बदरी ।
देखा पेड़वा झुराई गइलें ए बदरी ।
संझवा बिहनवा में कमवा न सपरी ।
होते दुपहरिया भुजाई जालीं मछरी ।
नदिया में अगिया लगाई देलु जबरी , ए बदरी ।
कउना बात पे कोहाइ गइलू ए बदरी ।
देखा पेड़वा झुराई गइलें ए बदरी ।
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