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महसूस जब हो मुझे तेरी छुअन सी,
सिहरन मेरी फिर लगे तेरे बदन सी।
तेरी रानाई सी है बसती रगों में,
सांसों में खुशबू भरे तेरे बदन की।
कानों से कानों को तेरी फुसफुसाहट,
पत्ता भी खड़के तो लगता तेरी आहट।
बादलों से चांद झांके, तूने देखा,
चांदनी सी छलके तेरी मुस्कुराहट।
मौसिकी खातिर तेरे महफिल में है,
सांस जो इक मचलती दिल में है।
तेरे आने से था जो सुकून आया,
जाने से तेरे वो फिर मुश्किल में है।
आंखों में मेरी है बसता नूर तेरा,
बस है इक ही रांझणा मशहूर तेरा।
फ़क़त तू ही तो है इक मंज़िल हमारी,
क़ाफिला है चलता बादस्तूर मेरा।
आवाज़ मीठी जो तेरी कानों में घुलती,
आरज़ू ख्वाहिश से मिलने जा निकलती।
धीरावत को फ़क़त तेरा तसव्वुर,
अबसार से तस्वीर जा के दिल में मिलती।
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