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महसूस जब हो मुझे तेरी छुअन सी,
सिहरन मेरी फिर लगे तेरे बदन सी।
तेरी रानाई सी है बसती रगों में,
सांसों में खुशबू भरे तेरे बदन की।
कानों से कानों को तेरी फुसफुसाहट,
पत्ता भी खड़के तो लगता तेरी आहट।
बादलों से चांद झांके, तूने देखा,
चांदनी सी छलके तेरी मुस्कुराहट।
मौसिकी खातिर तेरे महफिल में है,
सांस जो इक मचलती दिल में है।
तेरे आने से था जो सुकून
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