थक गया हूं जिन्दगी
अब राह कुछ तो दे
गिर गया हूं मैं
तू फिर से उठा दे
करना था सपना पूरा
पर हुआ कुछ नहीं
टूट गया सपना
बचा कुछ नहीं
ये जिन्दगी तुझसे
मैं हारा इस कदर
टूटा हूं इस कदर
बिखरा हूं इधर उधर
✍️✍️ Dheerendra Panchal (Dheeru)
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