Share0 Bookmarks 45622 Reads1 Likes
तुम छोरे नन्द के हो कान्हा
मैं छोरी हूं बरसाने की
तुम नन्द के नटखट नंद किशोर
मैं तुम्हारी राधा चंद चकोर।
वृंदावन में नटखट करते
मुरली बजाते माखन चुराते
पनघट पर जब मैं हूं जाती
छोड के सब कुछ पीछे आते
पर तुम छोड़ के सब कुछ चले गये
मुँह मोड़ कहाँ तुम चले गये
रोती सखियाँ, रोती गइयां,
रोता है सारा वृन्दावन
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments