
“प्यार” एक खूबसूरत अहसास {वैलेंटाइन डे पर विशेष}

वैलेंटाइन डे को मूल रूप से संत वैलेंटाइन के नाम पर मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि वैलेंटाइन-डे नाम मूल रूप से संत वैलेंटाइन के नाम पर रखा गया है। कहा जाता है कि संत वैलेंटाइन ने अपनी मृत्यु के समय जेलर की नेत्रहीन बेटी जैकोबस को नेत्रदान किया और साथ ही जेलर की बेटी जैकोबस को एक पत्र लिखकर छोड़ गया, जिसके अंत में उन्होंने लिखा था ‘तुम्हारा वैलेंटाइन’।
यह दिन था 14 फरवरी का, जिसे बाद में इस संत के नाम से उसके याद में मनाया जाने लगा और वैलेंटाइन-डे के बहाने पूरे विश्व में निःस्वार्थ प्रेम का संदेश फैलाया जाता है। संत वैलेंटाइन मानवता से प्रेम करते थे और उन्होंने समाज में आपसी प्रेम को हमेशा बढ़ावा दिया।
वेलेंटाइन डे भले ही 14 फरवरी के दिन मनाया जाता है, लेकिन इसका उत्साह माह की शुरुआत से ही युवाओं में होता है। वेलेंटाइन डे के एक सप्ताह पहले यानि 7 फरवरी से ही वेलेंटाइन सप्ताह शुरु हो जाता है, जिसका हर दिन प्रेम का प्रतीक एवं इसी थीम पर आधारित होता है। 7 फरवरी रोज डे से वेलेंटाइन सप्ताह शुरू होता है, जो 8 फरवरी प्रपोज डे, 9 फरवरी चॉकलेट डे, 10 फरवरी टेडी डे, 11 फरवरी प्रॉमिस डे, 12 फरवरी हग डे, 13 फरवरी किस डे और 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे तक प्यार के अहसास के साथ मनाया जाता है।
देखा जाए तो प्यार गेहूं की तरह बंद है, अगर पीस दें तो उजला हो जाएगा, पानी के साथ गूंथ लो तो लचीला हो जाएगा। बस यह लचीलापन ही प्यार है, लचीलापन पूरी तरह समर्पण से आता है, जहां न कोई सीमा है न शर्त। प्यार एक अहसास है, भावना है। प्रेम परंपराएं तोड़ता है। प्यार त्याग व समरसता का नाम है।
प्यार एक खूबसूरत अहसास है। एक व्यक्ति जिसके पास प्यार भरा दिल है, वह हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहता है। वह हर किसी से प्यार करता है जैसे हम जो देते हैं वह हमें मिलता है। इसलिए, अगर हम प्यार देते हैं तो हमें बदले में प्यार मिलता है और यह हमारे जीवन को सुंदर बनाने की शक्ति रखता है।
“प्यार” शब्द ऐसा शब्द है जिसका नाम सुनकर ही हमें अच्छा महसूस होने लगता है,प्यार शब्द में वो अहसास है जिसे हम कभी नहीं खोना चाहते।इस शब्द में ऐसी पॉजिटिव एनर्जी है जो हमें मानसिक और आंतरिक खुशी प्रदान करती है। कभी कभी कष्ट देय भी होती है।
वैसे मेरा कहना मानें तो अपने दिल को सुरक्षित रखे, यह बहुत नाजुक चीज है। कुछ छोटी छोटी बातें और घटनाये इस पर गहन प्रभाव छोड़ देती है। एक बहुमूल्य पत्थर को जोड़ कर रखने के लिए सोने और चांदी की परत देनी पड़ती है। उसी तरह ज्ञान और विवेक की परत आपके दिल को दिव्यता से जोड़ कर रखती है। मन और दिल को साफ और स्वास्थ्य रखने के लिए दिव्यता से उत्तम कुछ भी नहीं है। फिर गुजरता हुआ समय और घटनाये आपको स्पर्श भी नहीं कर पायेंगी और न कोई घाव दे पाएगी।
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