Share0 Bookmarks 45548 Reads5 Likes
चलना अगर सिख ले तू ,
तो नियति तुझे चलायेगी।
मरना अगर सिख ले तू,
तो जीवन तुझे हँसायेगी।
रोते वही है वास्तव में,
मृत्यु से भय जो खाते है।
गोते लगाते है आसव मे,
पर फिर भी लय ना पाते है।।
तु राग-रंग का मानव बन,
जीवन को समझ न पायेगा।
भवरों सा चंचल तेरा मन ,
सुमन अमीय न पायेगा।।
तम के हृद
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments