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जीवन का मधु जिसने पिया नहीं,
वो जीवन जीना क्या जाने।
सौंदर्य की सरिता जब उमड़ी ,
तब पीते हैं सब मतवाले
गुलशन में जब भी फूल खिले,
तब हँसते है किस्मत वाले।
आंशू का घुट पीने वाले,
हास्य कि दुनिया क्या जाने।
तन्हा से जीवन भरा रहा जिसका,
वो चैन की निंदिया क्या जाने।
बाप की कमाई लुटाने वाले,
पैसे का दुख क्या जाने।
जिसने एभाव में सदा जिया,
वो पैसे का सुख क्या जाने।
विश् रस हि जिसने सदा पिया
वो मधुरश का सुख क्या जाने।
जीवन का मधु जिसने पिया नहीं,
वो जीवन जीना क्या जाने।
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