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आज बेटी को विद्यालय से घर लाने मुझे जाना पड़ा,ड्राइवर का फोन आया था ऑटो ख़राब हो गया था।
विद्यालय परिसर में भीड़ पहले से काफ़ी थी। उसी भीड़ में एक स्त्री बहोत झिझक के साथ लगातार मुझे देख रही थी और बाकी स्त्रियाँ उसे।
बेटी ने मुझे देखते ही दूर से आवाज़ दी, " मम्मा " और मुझे खींचते हुए उसी स्त्री के पास ले गई, वों अपनी भतीजी को लेने आयी थी। बेटी फौरन बोली, " मम्मी, इनसे मिलो,ये ज्योति आंटी हैं, जिनके बारे में मैं हमेशा बताती हूं "।
हमने कुछ देर बातें की पर उनकी झिझक अभी भी बनी हुयी थी। जाते हुए बोली, " बहोत प्यारी बच्ची है आपकी और आपसे मिलकर भी बहोत अच्छा लगा " ।
मैंने भी मुस्कुरा दिया।
तभी एक और बच्ची की माँ लगभग हांफते हुए
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