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मेरी कविताओं का भी कुछ अलग मुकाम होता
अगर इनमें तेरा नाम होता
एहसास तेरे होते जज़्बात मेरे होते
पिरोकर एक एक एहसास को तेरे
मैं अल्फाजों से उन्हें कवित
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