कवि का द्वन्द्व's image
Love PoetryPoetry1 min read

कवि का द्वन्द्व

deepanima006deepanima006 April 17, 2023
Share0 Bookmarks 33 Reads0 Likes

शीर्षक- कवि का द्वन्द्व


मैं जो कुछ महसूस करूं, बस वो ही तो लिख पाऊंगा I

चेतन की दुनिया सिमट गई, नए शब्द कहां से लाऊंगा II


शब्द चलो जो ले भी आया, भाव कहां भर पाऊंगा I

निर्-अर्थक मिथ्या शब्दों को, तुम तक कैसे पहुंचाऊंगा II


मूक शब्द भर काव्य करूं, संवाद कहां कर पाऊंगा I

संदेश सही दे ना पाऊं, मैं ऐसा ना लिख ​​पाऊंगा II


लिख दूंगा मजबूरी में, मन को कैसे समझाऊंगा I

जब लेखन गौरव चला गया, बोलो कैसे जी पाऊंगा II


जीना तो फिर होगा लेकिन, घुट-2 कर मर जाऊंगा I

महसूस करूंगा जो दिल में सच, गीत वही अब गाऊंगा II


अब तक हूं अंजान मगर, अपने कौशल पर नाज मुझे I

अंजान गली से उठ कर मैं, सब मंचों पर छा जाऊंगा II

 

                                दीपक शर्मा

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts