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मैंने उसको अनुरक्ति से पुकारा
फिर भी उसने पलट कर
नहीं देखा दोबारा
उसके अल्हड़पन की कहानी
जैसे सरिता का बहता पानी
मेरा हृदय का अनुराग
नहीं रोक पाया उसकी रवानी
स्वभाव में नहीं ठहरना उसका
कभी मैं भी था साहिल उसका
मेरे हृदय
फिर भी उसने पलट कर
नहीं देखा दोबारा
उसके अल्हड़पन की कहानी
जैसे सरिता का बहता पानी
मेरा हृदय का अनुराग
नहीं रोक पाया उसकी रवानी
स्वभाव में नहीं ठहरना उसका
कभी मैं भी था साहिल उसका
मेरे हृदय
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