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सारा दिन अकेलापन महसूस होता है
थक कर जब भी घर जाता हूं
मेरा घर मुझको खाने को आता है
दिया बुझा के जब भी सोना चाहता हूं
तेरी यादों का मेला लग जाता है
मुझे अंधेरे में रहना आता है
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थक कर जब भी घर जाता हूं
मेरा घर मुझको खाने को आता है
दिया बुझा के जब भी सोना चाहता हूं
तेरी यादों का मेला लग जाता है
मुझे अंधेरे में रहना आता है
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