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माना अब है,कॉलेज रोमांस का जमाना
पर ठीक नहीं इतना उत्तेजित हो जाना
अब वो हीर रांझा कहां
जिन्होंने मन से मन को चाहा
अब है, प्रेम में हर किसी को देह मिलन की चाहा
प्रेम है, धैर्य, सम्मान और एक साधना
चलो तुम ध्यान से इस डगर पर
ना लगे कलंक किसी प्रेम प्रसंग पर
मुबारक हो उनको
जिनके मन में खिले प्रेम के फूल
पर ध्यान रखना
कांटो के बाद ही खिलते हैं फूल
दीपक (बेख्याली)
पर ठीक नहीं इतना उत्तेजित हो जाना
अब वो हीर रांझा कहां
जिन्होंने मन से मन को चाहा
अब है, प्रेम में हर किसी को देह मिलन की चाहा
प्रेम है, धैर्य, सम्मान और एक साधना
चलो तुम ध्यान से इस डगर पर
ना लगे कलंक किसी प्रेम प्रसंग पर
मुबारक हो उनको
जिनके मन में खिले प्रेम के फूल
पर ध्यान रखना
कांटो के बाद ही खिलते हैं फूल
दीपक (बेख्याली)
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