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ये कोई कविता नहीं

DeepakDeepak October 17, 2021
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ये कोई कविता नहीं
मेरे कलम की थोड़ी सी स्याही है
इस संसार की सचाई है
जो मेरी नजरो से मेरे जहन में उतर गई
और मेरे जहन से इस कलम में भर आई है
मैं लिखता नही कल्पनाओं को जोड़
इनसे मैं पन्ने नही भर पाता
हकीकत लिख देता हूं हूब हू
हर किसी को खुश नही कर पाता

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