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डांट सुनी है आपसे बहुत बार

तो कभी शाबाशी भी पाई है

आपकी दी शिक्षा

जिंदगी के हर मोड़ पर काम आई है

अपने बच्चों जैसा समझा आपने सभी को

सभी को अपने गले से लगाया है

कभी खूब हंसाया हमें

तो कभी खूब रुलाया है

भले ही डांटा या फटकारा हो हमें

पर हमेशा हमारा भला ही चाहा है

जिंदगी के इस सफर में हमें बहुत कुछ सिखाया है

काश मैं हमेशा आपका स्टूडेंट बना रहता

और आप हमेशा मुझे पढ़ाते

काश फिर से आपकी क्लास होती

और हम हमेशा की तरह लेट आते

भगवान को देखा तो नहीं मैंने

पर शायद आप जैसे ही होते होंगे

जो डांट कर भी हमारा भला ही चाहते होंगे

जिंदगी के सफर में फिर से आपकी याद आई है

डांट सुनी है आपसे बहुत बार

तो कभी शाबाशी भी पाई है


   दीपक

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