
0 Bookmarks 222 Reads0 Likes
डांट सुनी है आपसे बहुत बार
तो कभी शाबाशी भी पाई है
आपकी दी शिक्षा
जिंदगी के हर मोड़ पर काम आई है
अपने बच्चों जैसा समझा आपने सभी को
सभी को अपने गले से लगाया है
कभी खूब हंसाया हमें
तो कभी खूब रुलाया है
भले ही डांटा या फटकारा हो हमें
पर हमेशा हमारा भला ही चाहा है
जिंदगी के इस सफर में हमें बहुत कुछ सिखाया है
काश मैं हमेशा आपका स्टूडेंट बना रहता
और आप हमेशा मुझे पढ़ाते
काश फिर से आपकी क्लास होती
और हम हमेशा की तरह लेट आते
भगवान को देखा तो नहीं मैंने
पर शायद आप जैसे ही होते होंगे
जो डांट कर भी हमारा भला ही चाहते होंगे
जिंदगी के सफर में फिर से आपकी याद आई है
डांट सुनी है आपसे बहुत बार
तो कभी शाबाशी भी पाई है
दीपक
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments