Share0 Bookmarks 44310 Reads1 Likes
मेरी प्यारी माँ
तू घर की कर्णधार
तू ही घर की सूत्रधार
तू घर की लक्ष्मी,
तू ही घर की सरस्वती
मेरी प्यारी माँ
मेरे हर गलतियों पर डाँटा करती है, पर प्यार से बेटा भी बुलाती है।
हमेशा कहती रहती है: अब न करेंगे कुछ तुम्हारे लिए, पर साथ हमेशा खड़ी रहती है।
मुझे कोई परेशानी न हो, इसलिए खुद सारी परेशानियों का सामना करती है।
तू घर की कर्णधार
तू ही घर की सूत्रधार
तू घर की लक्ष्मी,
तू ही घर की सरस्वती
मेरी प्यारी माँ
मेरे हर गलतियों पर डाँटा करती है, पर प्यार से बेटा भी बुलाती है।
हमेशा कहती रहती है: अब न करेंगे कुछ तुम्हारे लिए, पर साथ हमेशा खड़ी रहती है।
मुझे कोई परेशानी न हो, इसलिए खुद सारी परेशानियों का सामना करती है।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments