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हाँ,मानता हूँ, थोड़ा कम हासिल किया हैं जिंदगी में
तो क्या हुआ, कुछ ना कुछ तो किया हैं जिंदगी में
सबकी अपनी क्षमताये, अपनी प्राथमिकताएं हैं,
सबको सब कुछ कहा हासिल हुआ हैं ज़िन्दगी में
कल तक जो अपने थे, आज वो पराये हैं
रिश्ते भी अब स्थायी नहीं होते जिंदगी में
मतभेद से बात मनभेद तक पहुंच जाती हैं
वक़्त के साथ क्या कुछ नहीं हो जाता ज़िन्दगी में
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