निगाहें's image
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निगाहें मिलायी थी जिससे कभी ,

उसी ने किनारा कर लिया ।

वादा किया था, निभायेंगे ताउम्र साथ,

बिछड़कर उससे खुद को बेसहारा कर लिया ।।

चलो मान लेते है ...(2) नही थी कोई खत्ता उसकी ,

हमने ही दिल लगा के उससे , खुद को आवारा कर लिया ।

क्या शामें थी,क्या वो रातें थी , क्या वो जज्बातों का मौसम था

बीतें पलों को याद करके,नैनों ने खुद को अश्क़ों से भर लिया

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