
Share0 Bookmarks 48 Reads0 Likes
चलो आज लिखती हूँ तुमको
चलो आज लिखती हूँ तुमको, लिखती हूँ अपनी खुशनसीबी को
लिखती हूँ तुम्हारी हर वो फिकर को, जो अपनों से दूर होकर भी अपनेपन का एहसास करती है।
चलो आज लिखती हूँ तुम्हारे उस एहसान को, जो मुझे भीड़ में भी महफूज़ होने का एहसास दिलाती है।
चलो आज लिखती हूँ तुम्हारे उस विश्वास को, जो तुम मेरे हाथ थामे मुझे आगे बढ़ाने को दिखाते हो
चलो आज लिखती हूँ तुमको, जहाँ तुमने मुझसे किये वो खूबसूरत से वादे, ताकि साथ रह सकूँ मैं तुम्हारे।
लिखती हूँ तुम्हारी वो हर बातें जिसमें हर एक लफ्ज मेरे लिए बोला गया हो
लिखती हूँ तुम्हारी वो पाक साफ मोहब्बतें, जिसकी इबादतें तुम आज भी करते हो।
चलो आज लिखती हूँ तुमको वहाँ, जहाँ तुम मुझे पा सको..
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments