
Share0 Bookmarks 424 Reads0 Likes
कोई ख़बर भी सुन ले या फिर इश्तेहार देख।
सब झूठ का ग़ुबार है तू जितनी बार देख।
दुनिया बहुत हसीन है गुमान था तुझे।
बर्बाद कर रहा हूँ अय परवरदिगार देख।
अब आईने भी झूठ की तस्वीर हो गए।
सच्चाई देखनी है तो फिर आर पार देख।
-दानिश मुहम्मद खान-
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments