Share0 Bookmarks 52495 Reads0 Likes
किस गली
वहाँ
जहाँ जिंदगी रहती थी कही
या वहाँ
जहाँ धाराएं
विपरीत सी...
तुम भी न
अजीब हो
बातें भी अजीब ही करते हो
फलक की बात और चाँद पे जज्बात
चलने का हुनर नहीं आया अबतक
और सितारों पे रात
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments