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किस गली
वहाँ
जहाँ जिंदगी रहती थी कही
या वहाँ
जहाँ धाराएं
विपरीत सी...
तुम भी न
अजीब हो
बातें भी अजीब ही करते हो
फलक की बात और चाँद पे जज्बात
चलने का हुनर नहीं आया अबतक
और सितारों पे रात
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