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लिखने की बारी आये
तो सुनो
भारत लिखना
गगन के सोपान पर
हिंद के अभिमान पर
जननी के अभयगान पर
भरतवंश की आन पर जीवन का मान लिखना..!
भले गीत रास्ता
गजल से हो वास्ता
कहानियों के दौर में चाँद-सुरज राप्ता
जिंदगी की धुप में हासिल की छांव पर
सपनों की राह में मेहनत के ताव पर
लिखने की बारी आये
तो सुनो
भारत लिखना
स्वर्णिम शिवाला इष्ट की जब बात हो
जागे सबेरा तो तुमसे मुलाकात हो
तुमसे मुलाकात हो..!
होगा क्या....?
धुल जाओगे
एक ही दिन नहीं
तुम्हें धोता हर पाट_पहले से ज्यादा चमक पैदा करेगा_तुम्हारे भीतर
खुद से मिलने लगोगे
और ये मुलाकात तुम्हारे जीवन की सबसे सुंदर मुलाकात होगी
नही नहीं
वैरागी नहीं हो जाओगे
तुम्हारे आसपास फैली खुशियों के बीच तुम्हारा वजूद भी होगा
निश्चल मुस्कान लिये...ॐ
जय जननी
दामिनी
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