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एक बहिष्कृत अध्याय का हिस्सा हूँ,
समझ ना पाए, अलिखित किस्सा हूँ।
तर्कों पर लिखी तक़दीर हुँ मैं,
कुदरत की कही तदबीर हुँ मैं।
किसी अलौकिक अभिव्यक्ति की अभिलाषा हूँ,
अनकही पहेली की परिभाषा हूँ।
अनवरत हार की कहानी हुँ मैं।
सुनो मेरी जबानी, बेजुबानी हुँ मैं।
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