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जब तुम गई थी
मैने एक बीज बोया था
ये सोच कर कि एक दिन
तुम वापस आओगी
और मैं, इस बीज से
उगने वाले वृक्ष की
छांव में बैठ कर
तुम्हे, तुम पर ही लिखी
अपनी रचनाएं सुनाऊंगा
पर,
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