करवाचौथ's image
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हाथों में सजी मेहंदी की लाली,

माँग सजा सिंदूर,

पिया की राह निहारे गोरी

जो बैठे अति दूर,


वतन भी प्यारा सजन भी प्यारा

क्या समझूँ क्या धर्म हमारा

प्रेम के दीप से जगमग दुनिया

मगर विरह से घर अंधियारा,


सीमा प्रहरी बन खड़े हुए हैं

गन शत्रु के सीने पर ताने

मंगलसूत्र की मोतियों से

कई यादें छोड़ गये सिरहाने,


करवा चौथ के पावन व्रत की

सारी रसम निभाऊँगी,

वीर सैनिक की वीरांगना पत्नी

बनकर दिख लाऊँगी,


दूर निगाहों से पर यकीं है

उनकी मूरत देखूँगी,

वो चांद देखेंगे सरहद से

मैं चांद में सूरत देखूँगी,


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