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नहीं चाहिए हिस्सा भइया मेरा मायका सजाए रखना,
कुछ ना देना मुझको
बस प्यार बनाए रखना,
पापा के इस घर में
मेरी याद बसाए रखना।
कुछ ना देना मुझको
बस प्यार बनाए रखना,
पापा के इस घर में
मेरी याद बसाए रखना।
बच्चों के मन में मेरामान बनाए रखना ,
बेटी हूँ सदा इस घर की
ये सम्मान सजाये रखना।
बेटी से माँ का सफ़र (बहुत खूबसूरत पंक्तिया,
सभी महिलाओ को समर्पित)
बेटी से माँ का सफ़र बेफिक्री से फिकर का सफ़र रोने से चुप कराने का सफ़र उत्सुकत्ता से संयम का सफ़र।
पहले जो आँचल में छुप जाया करती थी,
आज किसी को आँचल में छुपा लेती है।
पहले जो ऊँगली पे गरम लगने से घर को सर पे उठाया करती थी,
आज हाथ जल जाने पर भी खाना बनाया करती है।
पहले जो छोटी छोटी बातों पे रो जाया करती थी,
आज बो बड़ी बड़ी बातों को मन में छुपाया करती है।
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