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बेटी जब शादी के मंडप से ससुराल जाती है तब पराई नहीं लगती मगर जब वह मायके आकर हाथ मुंह धोने के बाद सामने टंगे टाविल के बजाय अपने बैग से छोटे से रुमाल से मुंह पौंछती है, तब वह पराई लगती है।
जब वह रसोई के दरवाजे पर अपरिचित सी खड़ी हो जाती है, तब वह पराई लगती है।
जब वह रसोई के दरवाजे पर अपरिचित सी खड़ी हो जाती है, तब वह पराई लगती है।
जब वह पानी के गिलास के लिए इधर उधर आँखें घुमाती है, तब वह पराई लगती है।
जब वह पूछती है वाशिंग मशीन चलाऊँ क्या तब वह पराई लगती है।
जब टेबल पर खाना लगने के बाद भी बर्तन खोल कर नहीं देखती तब वह परा
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