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आज फिर ऐसा हुआ , मैं देखती रही
और वो सामने से गुजर गया
फिर ना जाने क्यों, मुड़ कर देखने लगा
कहता है " तुमसे प्यार नहीं है "
" इश्क विश्क पर ऐतबार नही है "
फिर क्यों उतरता है आज उसकी
आंखो में लहू ,,,,,,
जब दिल मेरा किसी और से मिल रहा है
यह प्यार भी अजीब है
जिसे जितना चाहो , वो उतना ही दूर है
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और वो सामने से गुजर गया
फिर ना जाने क्यों, मुड़ कर देखने लगा
कहता है " तुमसे प्यार नहीं है "
" इश्क विश्क पर ऐतबार नही है "
फिर क्यों उतरता है आज उसकी
आंखो में लहू ,,,,,,
जब दिल मेरा किसी और से मिल रहा है
यह प्यार भी अजीब है
जिसे जितना चाहो , वो उतना ही दूर है
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